पूज्य बापूजी के दुर्लभ दर्शन और सुगम ज्ञान

नारायण नारायण नारायण नारायण

संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में से अनमोल सत्संग

मन में नाम तेरा रहे, मुख पे रहे सुगीत। हमको इतना दीजिए, रहे चरण में प्रीत।।

Monday, January 11, 2010


रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.
बापू मेरा चाँद वर्गा
एस दी कृपा बड़ी निराली
वेख लें दे मथा टेक लें दे
रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.

बापू सदगुरु बनकर आया मैंने वेख लें दे.रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.

बूटे बूटे पानी लावे
सूखे बुटे हरे बनावे
नि ओ माली बनकर आया मैनू वेख लें दे
मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.
रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.


चिट्टा चिट्टा चोला पावे
सिर ते सोणी टोपी लावे
हाथ विच फुल्ला दा हार मैनू वेख लें दे
रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.

नाम दी उसने पयाऊ लगाई
हरी ॐ नाल दुनिया झुमाई
नाम दा अमृत मैंने पीके वेख लें दे.
रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.


बर्हमज्ञान दी महक पिलावे
जो कोई धयावे ओही तर जावे
बर्हम दा प्रेम स्वरूप मैंने वेख लें दे.
रब मेरा सदगुरु बनके आया मैनू वेख लें दे. मैनू वेख लें दे मथा टेक लें दे.

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