पूज्य बापूजी के दुर्लभ दर्शन और सुगम ज्ञान

नारायण नारायण नारायण नारायण

संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में से अनमोल सत्संग

मन में नाम तेरा रहे, मुख पे रहे सुगीत। हमको इतना दीजिए, रहे चरण में प्रीत।।

Tuesday, January 5, 2010



हे प्रभु ! आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये |
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये ||
लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें |
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें ||
हे प्रभु ......
निंदा किसीकी हम किसीसे भूल कर भी न करें |
इर्षा कभीभी हम किसीसे भूल कर भी न करें ||
सत्य बोलें झूट त्यागें मेल आपस में करें |
दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें ||
हे प्रभु ......
जाये हमारी आयु हे प्रभु ! लोगों के उपकार में |
हाथ डालें हम कभी न भूलकर अपकार में ||
हे प्रभु ......
कीजिये हम पर कृपा अब ऐसी हे परमात्मा |
मोह मद मत्सररहित होवे हमारी आत्मा ||
हे प्रभु ......
प्रेम से हम गुरुजनों की नित्य ही सेवा करें |
प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ||
हे प्रभु ......
योगविद्या ब्रह्मविद्या हो अधिक प्यारी हमें |
ब्रह्मविद्या प्राप्त करके सर्व हितकारी बनें ||
हे प्रभु ....

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